नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि 170 किलोमीटर की टनकपुर–बागेश्वर रेलवे लाइन का सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है। इसके साथ डीपीआर को भी तैयार कर लिया गया है।
लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रेलवे मंत्री ने कहा, "टनकपुर-बागेश्वर नई लाइन (170 किलोमीटर) के लिए फील्ड सर्वेक्षण पूरा हो गया है और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) भी तैयार कर ली गई है। डीपीआर के अनुसार, इस परियोजना में 48,692 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस परियोजना में यातायात संभावनाएं कम हैं।"
रेल मंत्रालय ने बताया कि डीपीआर तैयार होने के बाद, परियोजना की स्वीकृति के लिए राज्य सरकारों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श और नीति आयोग, वित्त मंत्रालय आदि से आवश्यक अनुमोदन जरूरी होते हैं। चूंकि परियोजनाएं स्वीकृत करना सतत और गतिशील प्रक्रिया है, इसलिए कोई निश्चित समय-सीमा तय नहीं की जा सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "उत्तराखंड में रेल अवसंरचना के लिए बजट आवंटन लगभग 25 गुना बढ़ा है। 2009–14 में 187 करोड़ रुपए प्रति वर्ष से बढ़कर 2025–26 में 4,641 रुपए करोड़ बजट हो गया है। 01 अप्रैल 2025 तक, राज्य में 216 किलोमीटर लंबाई की तीन नई रेल लाइनों को 40,384 रुपए करोड़ की लागत से स्वीकृत किया गया है।"
रेल मंत्रालय के अनुसार, देवबंद–रुड़की नई रेल लाइन परियोजना (27 किमी) पूरी हो गई है, जिससे दिल्ली–देहरादून की दूरी लगभग 40 किमी कम हो जाएगी। उत्तराखंड के हिमालयी भू-भाग से होकर गुजरने वाली एक महत्वपूर्ण परियोजना ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल लाइन (125 किमी) तेजी से प्रगति कर रही है। प्रस्तावित 16 मुख्य सुरंगों और 12 एस्केप सुरंगों में से क्रमशः 13 और 9 पूरी हो चुकी हैं, साथ ही सभी 8 एडिट्स भी पूरे किए जा चुके हैं। कुल मिलाकर 213 किमी की परिधि में से 199 किमी की टनलिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है।
रेल मंत्रालय ने जानकारी दी है कि उत्तराखंड में 11 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकास के लिए चुना गया है जिनमें देहरादून, हरिद्वार जंक्शन, हर्रावाला, काशीपुर जंक्शन, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लाल कुआं जंक्शन, रामनगर, रूड़की और टनकपुर शामिल है। साथ ही 2014–25 के बीच उत्तराखंड में 106 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज बने और 158 करोड़ रुपए की लागत से 9 और इस तरह के ब्रिज स्वीकृत किये गए हैं।
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