नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। पूंजीगत बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की शुक्रवार को बोर्ड बैठक होने वाली है। इसमें आईपीओ में बड़ी कंपनियों के लिए हिस्सेदारी बचने के नियमों को आसान बनाने और एंकर निवेशकों को आवंटन देने से जुड़े नियमों पर चर्चा हो सकती है।
सेबी का बोर्ड बड़ी कंपनियों के लिए इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) में हिस्सेदारी बेचने के नियमों में बदलाव कर सकता है। इसके अलावा सेबी आईपीओ के बाद न्यूनतम शेयरहोल्डिंग पूरी करने की डेडलाइन का भी विस्तार कर सकता है।
जिन कंपनियों का आईपीओ के बाद बाजार पूंजीकरण 5 लाख करोड़ रुपए से अधिक है, उन्हें न्यूनतम 2.5 प्रतिशत सार्वजनिक फ्लोट के अधीन, न्यूनतम 15,000 करोड़ रुपए प्लस 1 प्रतिशत फ्लोट बनाए रखने की आवश्यकता हो सकती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीओ में 1 लाख करोड़ रुपए से 5 लाख करोड़ रुपए के बीच मूल्य वाली कंपनियों को कम से कम 6,250 करोड़ रुपए और 2.75 प्रतिशत शेयर जारी करने पड़ सकते हैं। उनकी शेयरहोल्डिंग के स्तर के आधार पर, उन्हें न्यूनतम सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग मैनडेट पूरा करने के लिए 10 साल तक का समय मिल सकता है।
बोर्ड आईपीओ के लिए एंकर निवेशकों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहा है, जिसमें म्यूचुअल फंड में बीमा और पेंशन फंड जोड़कर आरक्षित आवंटन को 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत किया जाएगा। 250-500 करोड़ रुपए के इश्यू साइज वाले आईपीओ के लिए, एंकर आवंटियों की संख्या 25 से बढ़ाकर 30 करने का प्रस्ताव है।
बैठक में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए अनुपालन को सरल बनाने, कुछ वैकल्पिक निवेश फंडों (एआईएफ) में मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए नियमों को आसान बनाने, रेटिंग एजेंसियों के लिए गतिविधियों का दायरा बढ़ाने और रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट (इनविट) को इक्विटी का दर्जा देने जैसे कदम उठाए जाने की भी संभावना है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेबी साप्ताहिक फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) अनुबंधों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने पर एक परामर्श पत्र जारी कर सकता है।
नियामक एक निश्चित योजना के साथ मंथली एक्सपायरी की ओर कदम बढ़ाने की योजना बना रहा है और सभी स्टॉक एक्सचेंजों में एक ही दिन समाप्ति की व्यवस्था लागू करने पर भी विचार कर सकता है।
--आईएएनएस
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