रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना देश में एक नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत : यूबीओओ

नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस) । रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद यूनियन बैंक ऑफिसर्स ऑर्गनाइजेशन (यूबीओओ) के महासचिव सतीश शेट्टी ने बुधवार को कहा कि योजना विकसित भारत की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने कहा कि ईएलआई देश के युवाओं और मैन्युफैक्चरर्स में आत्मनिर्भरता की भावना को लाएगी और जॉब सीकर्स को न केवल रोजगार मिलेगा बल्कि उन्हें जरूरी अनुभव और कौशल भी मिलेगा। यह योजना स्किल डेवेलपमेंट के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करती है।

न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए शेट्टी ने कहा, "इस योजना को लेकर सरकार का लक्ष्य 3.5 करोड़ नौकरियां पैदा करना है। मेरा मानना है कि वास्तव में उससे कहीं अधिक रोजगार सृजित होंगे। अगर इन लोगों में से केवल 1 प्रतिशत लोग भी कुछ नया करना शुरू करें तो फिर से नई नौकरियों के अवसर पेश होंगे, जो कि कुल मिलाकर ‘विकसित भारत’ के मिशन में एक बड़ा योगदान होगा। योजना के तहत स्किल डेवेलपमेंट के जरिए यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाया गया कदम है।"

शेट्टी ने आगे बताया कि भारत सरकार द्वारा घोषित यह नई योजना वास्तव में देश में एक नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत है। इस योजना का सबसे बड़ा असर मैन्युफैक्चरिंग और छोटे उद्योगों पर पड़ेगा। उन्हें 3,000 रुपए तक की प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा।

उन्होंने कहा, "इससे भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। हमें पूरा विश्वास है कि यह योजना गेमचेंजर साबित होगी।"

योजना से लाभ पाने वाले सेक्टर को लेकर शेट्टी ने कहा, "इस योजना से सबसे बड़ा लाभ एमएसएमई सेक्टर को होगा। जो उद्यमी नया यूनिट शुरू करना चाहते हैं, उन्हें इस योजना से सीधा सहयोग मिलेगा। इस योजना से न केवल नए रोजगार सृजित होंगे, बल्कि पहले से चल रही फैक्ट्रियों और मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को चलाने वालों को भी मदद मिलेगी।"

उन्होंने टेक्नोलॉजी और इनोवेश को लेकर कहा कि योजना से भारत में भी छोटे स्तर पर उत्पादन बढ़ेगा। चीन से देश की आयात निर्भरता घटेगी। नए लोगों में समय के साथ आत्मविश्वास और स्किल डेवलपमेंट होगा तो भविष्य में टेक्नोलॉजी और इनोवेश के नए रास्ते खुलेंगे।

--आईएएनएस

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