नई दिल्ली: भारत की फाइनेंशियल, पावर और एनर्जी सेक्टर की टॉप पब्लिक सेक्टर कंपनियों ने वित्त वर्ष 2025 की मार्च तिमाही में मजबूत वृद्धि दर्ज की है, जिससे सरकार की राजकोषीय स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है।
देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और बीमा दिग्गज भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने क्रमशः 18,643 करोड़ रुपए और 19,013 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ के साथ बढ़त हासिल की।
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए एसबीआई का शुद्ध लाभ अब 70,901 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि एलआईसी ने 48,151 करोड़ रुपए का शानदार शुद्ध लाभ दर्ज किया है।
एनर्जी सेक्टर में कोल इंडिया ने चौथी तिमाही के दौरान 9,604 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने 7,265 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया। अपस्ट्रीम ऑयल एक्सप्लोरेशन दिग्गज ओएनजीसी ने तिमाही के दौरान 6,448 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
पावर सेक्टर में देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने 7,897 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जबकि पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) ने 8,358 करोड़ रुपए की शानदार कमाई की।
पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने भी जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान 4,143 करोड़ रुपए का मजबूत लाभ दर्ज किया।
सरकार के वित्त में उच्च लाभांश के माध्यम से उच्च योगदान के अलावा, बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम कॉर्पोरेट करों के उच्च भुगतान के माध्यम से राजस्व बढ़ाते हैं।
इसके अलावा, इन सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों की बड़ी पूंजीगत व्यय योजनाएं अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा देने और रोजगार सृजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
इस बीच, सरकार ने 2024-25 के लिए अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में सफलता प्राप्त की है, जिसे वर्ष के संशोधित बजट अनुमान में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.8 प्रतिशत निर्धारित किया गया था।
सीजीए के आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार ने कर और गैर-कर प्राप्तियों दोनों से 30.36 लाख करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र किया, जो संशोधित बजट अनुमान (आरई) का 98.3 प्रतिशत है। पीएसयू की कमाई इन गैर-कर प्राप्तियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।