पुरानी पेंशन योजना लागू होने पर राज्य सरकारें होंगी दिवालिया

old pension scheme

-रिजर्व बैंक और वित्त आयोग की राज्यों को चेतावनी

नई दिल्ली: कई राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की घोषणा राजनीतिक दलों द्वारा की गई है। इस स्कीम को लागू करने पर राज्यों के ऊपर भारी वित्तीय बोझ बढ़ेगा।जो अगले 10 सालों में गंभीर स्थितियां पैदा कर देगा।

रिजर्व बैंक ने जो ताजे आंकड़े जारी किए हैं।उसमें पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किए जाने पर बढ़ रहे वित्तीय भार को दर्शाते हुए चेतावनी दी गई है।

हिमाचल के चुनाव परिणामों ने केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों को हिला कर रख दिया है।अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में पुरानी पेंशन योजना को लेकर केंद्र सरकार विशेष रूप से भाजपा की चिंता बढ़ गई है। हिमाचल का चुनाव कांग्रेस पुरानी पेंशन योजना लागू करने के आश्वासन पर जीती है। ऐसा केंद्र सरकार और भाजपा का मानना है।

रिजर्व बैंक ने आंकड़ों के अनुसार यह बताया है कि पिछले 5 वर्षों में राज्यों का पेंशन खर्च 48 फ़ीसदी वृद्धि के साथ बढ़ा है। रिजर्व बैंक ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य जहां पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो चुकी हैं। वहां की सरकार के राजस्व का 28 फ़ीसदी और 26 फ़ीसदी केवल पेंशन में खर्च हो रहा है। रिजर्व बैंक ने त्रिपुरा और नागालैंड में सरकारें अपने कुल राजस्व से 2 गुना ज्यादा राशि पेंशन देने में खर्च कर रही हैं। रिजर्व बैंक ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर चिंता जाहिर की है।

 सारी राज्य सरकारें भारी कर्जे में

रिजर्व बैंक ने सभी राज्यों को उनके ऊपर कर्ज और उनकी आय को ध्यान में रखते हुए चेतावनी दी है। यदि पुरानी पेंशन योजना लागू की गई तो राज्यों को वित्तीय स्थिति संभाल पानाउन राज्यों के वश में नहीं होगा।

10 बड़े राज्य

राज्य पेंशन खर्च 

    2019-20    2020-21    2021-22

हिमाचल 5490 7082 9282

राजस्थान 20761 25473 90050

मध्यप्रदेश     12053 16913 64914

छत्तीसगढ़ 6638 6609 25750

कर्नाटक 18404 23413 111494

तेलंगाना 11833 10831 92910

यूपी     49603 68697 186345

बिहार     17110 21817 35050

नागालैंड 1811     2334 1272

मेघालय 1132     1304 2579

देश में सबसे ज्यादा कर्ज वाले राज्यों में जिसमें बिहार उत्तर प्रदेश झारखंड हरियाणा आंध्र प्रदेश मध्य प्रदेश केरल पंजाब पश्चिम बंगाल और राजस्थान सरकार शामिल हैं। इन राज्यों में कुल राजस्व का अभी 12.5 फ़ीसदी से अधिक खर्च पेंशन मद में हो रहा है। पुरानी पेंशन योजना लागू होने पर यह खर्च बेतहाशा बढ़ेगा। रिजर्व बैंक के सूत्रों की मानें तो कर्ज पर लगाम लगाने की दिशा में आगे चलकर रिजर्व बैंक कार्यवाही कर सकता है। जिससे राज्यों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो सकती है।

 भाजपा की चिंताएं बढ़ी

 भारत के अधिकांश राज्यों में डबल इंजन की सरकार है।पुरानी पेंशन योजना को लागू करने काकांग्रेस और आम आदमी पार्टी के एजेंडे में शामिल है। हिमाचल और एमसीडी के चुनाव परिणाम ने भाजपा को हिलाकर रख दिया है। केंद्रीय सरकार और भाजपा अपनी पूरी ताकत लगाने के बाद भी इन राज्यों में उसे पराजय का सामना करना पड़ा। आर्थिक स्थिति कमजोर होने और लगातार कर्ज लेने के कारण अब डबल एंजिन की सरकार में मतदाताओं का जो आक्रोश राज्यों में दिख रहा है। उसको लेकर भाजपा पहली बार चिंतित दिखाई पड़ रही है।

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