पीएम मोदी का कनाडा दौरा, इंडो-कनाडाई नागरिकों को संबंध बेहतर होने की उम्मीद

नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को तीन दिवसीय विदेश यात्रा के लिए रवाना हो गए। वो कनाडा, साइप्रस और क्रोएशिया का दौरा करेंगे। पीएम मोदी की इस यात्रा से कनाडा में मौजूद भारतीय मूल के लोग बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच बेहतर होते रिश्तों पर खुशी जाहिर की है।

हिंदू सोसायटी ऑफ कैलगरी के आचार्य धेनश शुक्ल ने बताया कि जब से उन्हें पता चला है कि पीएम मोदी कनाडा आ रहे हैं, तभी से वह काफी खुश हैं। उनका कहना है कि इस वार्ता से दोनों ही देशों के लिए भलाई है। इससे दोनों देशों की इकोनॉमी काफी अच्छी होगी।

आचार्य धेनश शुक्ल ने 'आईएएनएस' से कहा, मैं भगवान को धन्यवाद देना चाहता हूं। दोनों देशों की दोस्ती बेहतर हो रही है। कनाडा के नए प्रधानमंत्री बहुत ही बुद्धिमान हैं। उनका मन स्नेह से भरा हुआ है और प्रधानमंत्री मोदी सर्वे भवन्तु सुखिनः की भावना के साथ काम करते हैं। पीएम मोदी जैसा नेतृत्व देश को आगे ले जाने का काम करता है। देश बदला है, देश ने विकास किया उस विकास से हमको भी लाभ मिला है।"

हिंदू सोसायटी ऑफ कैलगरी के अध्यक्ष राज वर्मा ने कहा, "बीते दिनों दोनों देशों के संबंध खराब हुए थे, लेकिन हमारे नए प्राइम मिनिस्टर ने कदम आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी को आमंत्रित किया है। भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। पीएम मोदी काफी बेहतर काम कर रहे हैं। अगर दोनों देशों के संबंध बेहतर हो रहे हैं, तो यह काफी अच्छी पहल है। बीच में दोनों देशों के संबंध जरूर खराब हुए थे, लेकिन उनको भूल जाना चाहिए। नए सिरे से जो पहल की गई है, उसे आगे ले जाना चाहिए।"

इंडियन सोसायटी ऑफ कैलगरी के अध्यक्ष डॉ. देवेश ओबेरॉय ने 'आईएएनएस' से कहा, "पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन बार चुनाव जीते हैं। वैश्विक मंच पर भारत की मजबूत साख है। चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी के तौर पर भारत विश्व को काफी कुछ दे सकता है।"

उन्होंने आगे कहा, "कनाडा में रहने वाले हम इंडो-कनाडाई नागरिक दोनों देशों के संबंधों को बेहतर होता देखना चाहते हैं। यह संबंध भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के समय से हैं। बीच में जो दोनों देशों के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव रहे, वह सरकार की विचारधारा के चलते थे। यह सभी देशों के साथ होता है। दोनों देशों के बीच संबंध हमेशा ही मजबूत रहे हैं। जी7 के लिए पीएम मोदी को निमंत्रण जाना दर्शाता है कि कनाडा, भारत के साथ बातचीत करना चाहता है।"

राकेश पुंज एक बिजनेसमैन हैं। उनका मानना है कि आज के दौर में कनाडा को भारत की जरूरत है। उन्होंने कहा, "भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था बन रहा है, इसी अर्थव्यवस्था की जरूरत कनाडा को है। पीएम मोदी ने भारत को एक अलग विजन के साथ आगे बढ़ाया है। अब भारत, पहले वाला भारत नहीं रहा। पीएम मोदी के नेतृत्व और उनके आने से कनाडा को अलग ऊर्जा मिलेगी। भारत ने बदलाव देखा है। अब विकास का वही बदलाव कनाडा को चाहिए।"

कनाडा में रहने वाली ग्रिसमा पटेल ने कहा, "अगर भारत और कनाडा के संबंध बेहतर हो रहे हैं, तो इससे कनाडा में रहने वाले भारतीय लोगों के लिए अच्छा होगा। इमिग्रेशन जैसी समस्या में सुधार आएगा। भारत विश्व की चौथी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत अच्छा कर रहा है। मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है। मैं खुद एक किसान परिवार से आती हूं। मैंने खुद देखा है कि मोदी सरकार कैसा काम कर रही है।"

पीएम मोदी 14 से 16 जून को साइप्रस का दौरा करेंगे। 16-17 जून को कनानास्किस में जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा जाएंगे। 18 जून को क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा के साथ उनके पांच दिवसीय यात्रा का समापन होगा।

'नरेंद्रमोदीडॉटइन' पर जारी बयान के अनुसार कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा के कनानास्किस की यात्रा करेंगे। शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। यह ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा करने के लिए एक बड़ा मंच प्रदान करेगा।

--आईएएनएस

आरएसजी/केआर

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