Nirmala Sitharaman Women Schemes: देश के आर्थिक विकास में अहम योगदान दे रहीं महिलाएं : निर्मला सीतारमण

सीतारमण ने बताया कैसे मोदी सरकार की योजनाएं महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का आधार बनीं।
देश के आर्थिक विकास में अहम योगदान दे रहीं महिलाएं : निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि पिछले 11 वर्षों में महिलाएं देश में प्रगति की प्रमुख चालक के रूप में उभरी हैं और नरेंद्र मोदी सरकार ने नारी शक्ति को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं।

वित्त मंत्री ने ‘सशक्त नारी के 11 वर्ष’ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजना प्रधानमंत्री जन धन योजना के अंतर्गत खोले गए 55.7 प्रतिशत खाते महिलाओं के पास हैं, जो जमीनी स्तर पर उनके सशक्तिकरण को दर्शाता है।

उन्होंने आगे कहा कि देश भर में मुद्रा लोन लाभार्थियों में 68 प्रतिशत महिलाएं हैं। इन लोन ने लाखों महिलाओं को उद्यमी बनने और स्वतंत्र रूप से अपने सपनों को साकार करने में सक्षम बनाया है।

वहीं, स्टार्ट-अप इंडिया उद्यमी योजना के तहत लाभ पाने वालों में से 74 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसके अलावा, गरीबों के लिए पीएमएवाई (ग्रामीण) योजना के तहत 73 प्रतिशत घरों का स्वामित्व महिलाओं के पास है।

वित्त मंत्री ने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को 10 करोड़ एलपीजी कनेक्शन दिए गए हैं। ये उनके लिए एक बड़ा वरदान साबित हुए हैं, क्योंकि इससे उनका जीवन आसान हुआ है और स्वास्थ्य लाभ भी मिला है। साथ ही, उन्हें लकड़ी और अन्य ईंधन जैसे कि गोबर के हानिकारक धुएं से मुक्ति मिली है, जिसका उपयोग पहले खाना पकाने के लिए किया जाता था।

जन धन योजना वित्तीय समावेशन में एक बड़ी सफलता रही है। इस योजना के तहत खोले गए खातों में मार्च 2015 में प्रति खाते औसत बैंक बैलेंस 1,065 रुपए था, जो अब बढ़कर 4,352 रुपए हो गया है। मौजूदा समय में करीब 80 प्रतिशत जन धन खाते सक्रिय हैं।

ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 66.6 फीसदी जनधन खाते खोले गए हैं, जिनमें से 29.56 करोड़ (55.7 प्रतिशत) खाते महिलाओं के पास हैं।

करीब 10 साल पहले जब मोदी सरकार पहली बार सत्ता में आई थी, तो उसने हर नागरिक को वित्तीय और बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने का लक्ष्य रखा था। इसके लिए 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ के तहत सबसे गरीब लोगों के लिए बैंकों में जीरो बैलेंस बैंक खाते खोले गए थे।

मौजूदा समय में केवल 8.4 प्रतिशत जन धन खातों में ही जीरो बैलेंस है।

 

 

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