मुंबई, 4 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के 14 वर्षीय माधव गोपाल कामथ ने विश्व युवा स्क्रैबल चैंपियनशिप - 2025 (डब्ल्यूवाईएससी) का खिताब जीत लिया है। वह वैश्विक स्क्रैबल खिताब जीतने वाले पहले भारतीय हैं। भारतीय स्क्रैबल के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है।
विश्व में भारत के सर्वोच्च रैंक वाले स्क्रैबल खिलाड़ी और मौजूदा राष्ट्रीय चैंपियन माधव ने विश्व अंग्रेजी-भाषा स्क्रैबल खिलाड़ी संघ (डब्ल्यूईएसपीए) द्वारा मलेशिया के कुआलालम्पुर में आयोजित वार्षिक टूर्नामेंट के 20वें संस्करण में 18 देशों के 218 अंडर-18 खिलाड़ियों में शीर्ष स्थान हासिल किया।
माधव ने 24 राउंड में से 21 में प्रभावशाली जीत हासिल करते हुए अंतिम राउंड में चैंपियनशिप जीत ली।
हर साल की तरह, भारत ने डब्ल्यूवाईएससी में एक मजबूत दल भेजा था। इसमें देश के 12 सर्वश्रेष्ठ युवा स्क्रैबल खिलाड़ी शामिल थे, जिसमें सात लड़के और पांच लड़कियां थीं। इन्हें मुंबई की खिलाड़ी और कोच नीता भाटिया ने प्रशिक्षित किया।
पिछले वर्ष श्रीलंका में आयोजित प्रतियोगिता में उपविजेता रहे बेंगलुरु के 15 वर्षीय सुयश मंचली ने 17 जीत के साथ पांचवां स्थान हासिल किया।
भारतीय दल को एस्सार फाउंडेशन, स्क्रैबल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसएआई) और वर्डहोलिक्स ने सहयोग दिया था।
स्क्रैबल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हरविंदरजीत भाटिया ने कहा, "माधव की जीत भारतीय स्क्रैबल के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और पूरे समुदाय के लिए गौरव का क्षण है। पिछले कुछ वर्षों में, हमारे युवा खिलाड़ियों ने अपार प्रतिभा दिखाई है। यह खिताब वैश्विक स्क्रैबल में भारत के बढ़ते कद को दर्शाता है। हम डब्ल्यूवाईएससी 2025 में टीम इंडिया का समर्थन करने और ऐसी उपलब्धियों के लिए मंच तैयार करने में मदद करने के लिए एस्सार फाउंडेशन के आभारी हैं।"
एस्सार फाउंडेशन के प्रवक्ता ने कहा, "हमें डब्ल्यूवाईएससी- 2025 में टीम इंडिया की ऐतिहासिक उपलब्धि, खासकर माधव गोपाल कामथ की असाधारण जीत पर बेहद गर्व है। एस्सार फाउंडेशन में, हमारा मानना है कि खेल, चाहे शारीरिक हों या बौद्धिक, प्रेरित करने, शिक्षित करने और एकजुट करने की शक्ति रखते हैं। इन युवा स्क्रैबल चैंपियनों का समर्थन करना प्रतिभाओं को निखारने और अगली पीढ़ी के लिए उत्कृष्टता के अवसर पैदा करने के हमारे मिशन का केंद्र बिंदु है।"
चैंपियन बनने के बाद माधव ने कहा, "विश्व स्क्रैबल खिताब जीतने वाला पहला भारतीय बनना एक सपने के सच होने जैसा है। मैं अपने परिवार, कोचों और साथियों के समर्थन के लिए आभारी हूं। मुझे उम्मीद है कि इससे भारत के और भी युवा खिलाड़ियों को इस खेल को अपनाने और उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का विश्वास करने की प्रेरणा मिलेगी।"
इस साल की शुरुआत में, माधव मुंबई में 25वीं राष्ट्रीय स्क्रैबल चैंपियनशिप जीतकर अब तक के सबसे कम उम्र के राष्ट्रीय चैंपियन बने थे। वर्तमान में वह सभी आयु वर्गों में दुनिया में 8वें स्थान पर हैं। हाल के वर्षों में डब्ल्यूवाईएससी और एशिया कप यूथ चैंपियनशिप दोनों में खिताब के करीब पहुंचने के बाद यह ऐतिहासिक जीत उनकी और भारत की पहली वैश्विक स्क्रैबल चैंपियनशिप है।
माधव ने सिर्फ छह साल की उम्र से स्क्रैबल खेलना शुरू कर दिया था। बोर्ड पर उनकी असाधारण योग्यता और चतुराई ने उन्हें दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों की श्रेणी में पहुंचा दिया है। 15 साल की उम्र से पहले ही उनकी क्षमता दुनिया के शीर्ष पांच खिलाड़ियों में जगह बनाने की है।
माधव की डब्ल्यूवाईएससी में जीत से भारत में युवा स्क्रैबल को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है और खिलाड़ियों की नई पीढ़ी को प्रतिस्पर्धात्मक रूप से खेल को अपनाने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
स्क्रैबल भारत में एक खेल के रूप में उभर रहा है। ऐसे में ये उपलब्धियां देश के प्रतिस्पर्धी युवा स्क्रैबल सर्किट की अपार क्षमता को उजागर करती हैं।
स्क्रैबल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने एस्सार फाउंडेशन को उसकी साझेदारी के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही असेंबली ट्रैवल को बैकपैक्स उपलब्ध कराने के लिए और ब्लैक पैंथर को टीम की जर्सी डिजाइन करने के लिए धन्यवाद दिया।
--आईएएनएस
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