केंद्र ने 5जी और 6जी टेक्नोलॉजी में आरएंडडी के लिए 304 करोड़ रुपए से अधिक की मंजूरी दी : डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर

नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। संसद में बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार, टेलीकॉम टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड (टीटीडीएफ) योजना के तहत 30 जून तक 304.70 करोड़ रुपए की कुल 110 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि टेलीकॉम टेक्नोलॉजी में अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) और इनोवेशन को वित्तपोषित करने तथा भारत में टेलीकॉम इकोसिस्टम को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा जगत, स्टार्ट-अप, एमएसएमई, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए टीटीडीएफ योजना 1 अक्टूबर, 2022 को शुरू की गई थी।

स्वीकृत अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की अवधि 1 से 5 वर्ष तक है।

ये परियोजनाएं वर्तमान में विकास के प्रारंभिक चरण में हैं। राज्य मंत्री ने कहा कि 5जी और 6जी की प्रगति के लिए टीटीडीएफ योजना सरकारी और निजी संस्थानों, एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स आदि से जुड़े विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों में वित्तपोषण का समर्थन कर रही है।

इस बीच, दूरसंचार विभाग ने फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडीकेटर (एफआरआई) डेवलप किया है, जो एक रिस्क-बेस्ड मीट्रिक है और किसी मोबाइल नंबर को वित्तीय धोखाधड़ी के मध्यम, उच्च या अत्यंत उच्च जोखिम के रूप में वर्गीकृत करता है।

एफआरआई हितधारकों - विशेष रूप से बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और यूपीआई सेवा प्रदाताओं को किसी मोबाइल नंबर के उच्च जोखिम की स्थिति में प्रवर्तन को प्राथमिकता देने और अतिरिक्त ग्राहक सुरक्षा उपाय करने का अधिकार देता है।

राज्य मंत्री ने बताया कि आरबीआई ने बैंकों और भुगतान सेवा ऑपरेटरों (पीएसओ) को अपने-अपने सिस्टम के साथ एफआरआई को इंटीग्रेट करने और आवश्यक रियल-टाइम प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल (जैसे अलर्ट, लेनदेन में देरी, चेतावनी, लेनदेन में अस्वीकृति, आदि) अपनाने के लिए अलग-अलग सलाह जारी की है।

डीआईपी पर एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) के आधार पर दिए गए उत्तर के अनुसार, 34 बैंकों, वित्तीय संस्थानों और यूपीआई सेवा प्रदाताओं ने 10.02 लाख बैंक खातों और भुगतान वॉलेट को फ्रीज कर दिया है और 3.05 लाख बैंक खातों और भुगतान वॉलेट पर डेबिट और क्रेडिट प्रतिबंध लगा दिए हैं।

राज्य मंत्री ने बताया कि दूरसंचार विभाग की डिजिटल इंटेलिजेंस यूनिट (डीआईयू) परियोजना में साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए दूरसंचार संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कई घटक शामिल हैं।

--आईएएनएस

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