जीएसटी में कटौती से युवाओं के लिए पैदा होंगे अधिक रोजगार के अवसर

नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सुधार भारत की कर प्रणाली में बदलाव लाने वाला एक ऐतिहासिक फैसला है। इससे एमएसएमई और स्टार्टअप्स में युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह जानकारी सरकार की ओर से रविवार को दी गई।

सरकारी बयान में कहा गया है कि इन सुधारों में युवाओं की उच्च भागीदारी वाले क्षेत्रों जैसे शिक्षा, ऑटोमोबाइल, प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प, फुटवियर, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य प्रसंस्करण और वस्त्र को प्राथमिकता दी गई है। ये सुधार परिवारों और व्यवसायों पर वित्तीय बोझ कम करने के अलावा, समावेशी विकास, स्थिरता और अगली पीढ़ी के सशक्तिकरण के भारत के दृष्टिकोण को भी मजबूत करते हैं।

अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार 22 सितंबर से लागू हो रहे हैं।

सरकार ने व्यापार और वाणिज्य के प्रमुख क्षेत्रों में दरों में बड़ी कटौती के साथ एक सरलीकृत जीएसटी संरचना लागू की है। इस सुधार के अंतर्गत चमड़ा, जूते, कागज, कपड़ा, हस्तशिल्प, खिलौने, पैकेजिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे आवश्यक उद्योगों को शामिल किया गया है।

बयान में बताया गया है कि इसका उद्देश्य मौजूदा व्यवसायों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना और युवाओं को व्यवसाय शुरू करने और स्टार्टअप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

इन सुधारों का उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए लागत कम करना, व्यापारियों के लिए अनुपालन को आसान बनाना और भारतीय व्यवसायों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है।

चमोईस चमड़ा, चमड़े या चमड़े के रेशे पर आधारित मिश्रित चमड़ा, और टैनिंग या क्रस्टिंग के बाद तैयार चमड़े पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा, 2,500 रुपए प्रति जोड़ी तक के जूतों पर अब केवल 5 प्रतिशत जीएसटी होगा, जिसका सीधा लाभ युवा उपभोक्ताओं को मिल रहा है। इसी प्रकार, खाल, चमड़े और चमड़े से संबंधित जॉब वर्क की आपूर्ति पर जीएसटी भी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे एमएसएमई उत्पादन लागत कम होगी और युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

जीएसटी दरों में कटौती से कृषि-आधारित और पर्यावरण-अनुकूल लकड़ी के विकल्प भी शामिल हो गए हैं, जिससे टिकाऊ विनिर्माण और एमएसएमई प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा। चावल की भूसी के बोर्ड, जिप्सम बोर्ड, सीमेंट बॉन्डेड पार्टिकल बोर्ड, जूट पार्टिकल बोर्ड, बगास बोर्ड, सिसल फाइबर बोर्ड आदि पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इसका उद्देश्य लकड़ी निर्माण में एमएसएमई को समर्थन देना और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा देना है।

इसके अलावा, जिम और फिटनेस सेंटर पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। फिटनेस सेंटर पर जीएसटी में कमी एक स्वस्थ और अधिक सक्रिय भारत के निर्माण की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

बयान में कहा गया है कि जीएसटी में कमी से जिम और फिटनेस सदस्यता अधिक किफायती हो गई है, जिससे अधिक लोगों, विशेषकर युवाओं और मध्यम वर्गीय परिवारों को स्वास्थ्य और कल्याण सेवाओं तक पहुंच बनाने के लिए प्रोत्साहन मिला है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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