Real Estate Sector : भारत का रियल एस्टेट सेक्टर वित्त वर्ष 2025 में 23,080 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाकर सात वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंचा : रिपोर्ट

रियल एस्टेट सेक्टर ने वित्त वर्ष 2025 में जुटाई 23,080 करोड़ की पूंजी, बना सात साल का रिकॉर्ड
भारत का रियल एस्टेट सेक्टर वित्त वर्ष 2025 में 23,080 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाकर सात वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंचा : रिपोर्ट

नई दिल्ली: भारत का रियल एस्टेट सेक्टर वित्त वर्ष 2025 में 12 डील के जरिए 23,080 करोड़ रुपए की पूंजी जुटाकर सात वर्ष के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह जानकारी गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

इंवेस्टमेंट बैंकिंग फर्म इक्विरस कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2018 से रियल एस्टेट सेक्टर में कुल फंड रेजिंग 72,331 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है, जिसमें रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) सेक्टर में सबसे आगे हैं, जिन्होंने 31,241 करोड़ रुपए जुटाए हैं।

आरईआईटी के बाद लार्ज-कैप रियल एस्टेट फर्मों ने 20,437 करोड़ रुपए, मिड-कैप रियल एस्टेट फर्मों ने 12,496 करोड़ रुपए और स्मॉल-कैप कंपनियों ने 8,156 करोड़ रुपए जुटाए।

आरईआईटी ने पिछले 12 महीनों में 21.3 प्रतिशत का उच्चतम रिटर्न हासिल किया, जो अन्य सभी रियल एस्टेट परिसंपत्ति वर्गों से आगे है।

इसी अवधि के दौरान लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप रियल एस्टेट शेयरों ने नेगेटिव रिटर्न दिया।

हालांकि, मार्च 2021 से रिटर्न के मामले में स्मॉल-कैप रियल एस्टेट शेयरों ने अन्य कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसके बाद मिड-कैप शेयरों का स्थान है।

रिलीज में कहा गया है कि लार्ज-कैप शेयरों ने इन क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन किया है, जिसमें आरईआईटी सबसे कम प्रदर्शन करने वाला इक्विटी इंस्ट्रूमेंट रहा है।

इस महीने की शुरुआत में एनारॉक की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत का आरईआईटी इकोसिस्टम एक बड़े बदलाव के लिए तैयार है, क्योंकि विकास की अगली लहर रिटेल मॉल, शॉपिंग सेंटर और मिश्रित उपयोग वाले विकास से आ सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक भारत का रिटेल आरईआईटी बाजार 60,000-80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है, जो अनुमानित 2 लाख करोड़ रुपए के आरईआईटी सेक्टर का लगभग 30-40 प्रतिशत है।

ट्रेंड में यह बदलाव परिपक्व अर्थव्यवस्थाओं के अनुरूप होगा, जहां रिटेल रीट्स कुल आरईआईटी बाजार पूंजीकरण का 15 प्रतिशत से 25 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं।

इंस्टीट्यूशन प्लेयर इंदौर, कोयंबटूर, सूरत, भुवनेश्वर और चंडीगढ़ जैसे टियर-2 शहरों के हाई-इनकम, कंजप्शन ड्रिवन क्लस्टर में तेजी से विस्तार कर रहे हैं।

बाजार नियामक सेबी ने हाल ही में विविधीकरण के अवसरों को बढ़ाने और एक निवेश योग्य परिसंपत्ति वर्ग के रूप में रियल एस्टेट के विकास को समर्थन देने के लिए म्यूचुअल फंड निवेश के लिए रीट्स को 'इक्विटी' के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया है।

 

 

 

 

 

 

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