RBI Bond Auction August 2025: 32,000 करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड बिक्री के लिए 1 अगस्त को होंगे उपलब्ध

1 अगस्त को 32,000 करोड़ के सरकारी बॉन्ड की नीलामी, RBI करेगा दो लॉट में बिक्री
32,000 करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड बिक्री के लिए 1 अगस्त को होंगे उपलब्ध

नई दिल्ली:  वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 1 अगस्त को मुंबई में आयोजित की जाने वाली नीलामी के माध्यम से दो लॉट में 32,000 करोड़ रुपए के सरकारी बॉन्ड बेचे जाएंगे।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पहले लॉट में 16,000 करोड़ रुपए की अधिसूचित राशि के लिए '6.68 प्रतिशत सरकारी प्रतिभूति 2040' शामिल है, जबकि दूसरे लॉट में 16,000 करोड़ रुपए की अधिसूचित राशि के लिए '6.90 प्रतिशत सरकारी प्रतिभूति 2065' शामिल है।

दोनों लॉट मल्टीपल प्राइस मेथड का इस्तेमाल कर मूल्य-आधारित नीलामी के माध्यम से बेचे जाएंगे।

बयान के अनुसार, भारत सरकार के पास बताई गई प्रत्येक प्रतिभूति के लिए 2,000 करोड़ रुपए तक का एडिशनल सब्सक्रिप्शन रखने का विकल्प होगा।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकारी प्रतिभूतियों की नीलामी में गैर-प्रतिस्पर्धी बोली सुविधा योजना के अनुसार, प्रतिभूतियों की बिक्री की अधिसूचित राशि का 5 प्रतिशत तक पात्र व्यक्तियों और संस्थाओं को आवंटित किया जाएगा।

इसमें बताया गया है, "नीलामी के लिए प्रतिस्पर्धी और गैर-प्रतिस्पर्धी दोनों बोलियां 1 अगस्त, 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (ई-कुबेर सिस्टम) पर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में सबमिट की जानी चाहिए। गैर-प्रतिस्पर्धी बोलियां सुबह 10:30 बजे से 11:00 बजे के बीच और प्रतिस्पर्धी बोलियाँ सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे के बीच सबमिट की जानी चाहिए।"

नीलामी का परिणाम भी 1 अगस्त को घोषित किया जाएगा और सफल बोलीदाताओं द्वारा भुगतान 4 अगस्त को किया जाएगा।

बयान में आगे कहा गया है, "ये प्रतिभूतियां भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 जुलाई, 2018 को जारी परिपत्र संख्या आरबीआई/2018-19/25 के अनुसार 'केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में जारी लेनदेन' संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार 'जब निर्गमित' व्यापार के लिए पात्र होंगी। इस परिपत्र संख्या को समय-समय पर संशोधित किया गया है।"

सरकारी बॉन्ड, सरकार द्वारा जारी किया गया ऋण दायित्व होता है और खर्च को बढ़ावा देने के लिए निवेशकों को बेचा जाता है। सरकारी बॉन्ड को कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है क्योंकि इनका समर्थन सरकार करती है। अपेक्षाकृत कम जोखिम के कारण, सरकारी बॉन्ड आमतौर पर कम ब्याज दर देते हैं।

 

 

 

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