'ग्लोबल हैवी हॉल सेमीनार' का उद्देश्य इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स से उनकी विशेषज्ञता और ज्ञान प्राप्त करना: डीएफसीसीआईएल

नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर शोभित भटनागर ने शुक्रवार को कहा कि हम हाल ही में इंटरनेशनल हैवी हॉल एसोसिएशन के सदस्य बने हैं। इस संदर्भ में लगभग आठ देश हैं, जो हैवी हॉल ट्रेनें चला रहे हैं, जिनका एक्सल लोड 25 टन से अधिक है।

ग्लोबल हैवी हॉल सेमीनार-2025 के साइडलाइन में न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए भटनागर ने कहा, "इसके अलावा अन्य मानदंड भी हैं, जैसे कि कम से कम 200 किलोमीटर की ऐसी ट्रैक होनी चाहिए, जो इस सदस्यता के लिए योग्य हो। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) यानी भारतीय रेलवे अब इसका सदस्य है और यह पहला अवसर है जब हम इसे यहां आयोजित कर रहे हैं।"

उन्होंने सेमीनार को लेकर कहा कि इस कॉन्फ्रेंस से हमें रखरखाव की प्रथाओं के बारे में जानने को मिलेगा, जो हमारे लिए प्रासंगिक होगी। हमें विभिन्न देशों में मौजूद नेटवर्क और उनके द्वारा सामना की गई समस्याओं के बारे में जानने को मिलेगा। हमें उम्मीद है कि इस ज्ञान से हमें लाभ होगा।

भटनागर ने जानकारी देते हुए कहा, "वर्तमान में, हम पूर्वी डीएफसी और पश्चिमी डीएफसी दोनों पर काम कर रहे हैं। पूर्वी डीएफसी पर लगभग 450 ट्रेनें हर दिन चल रही हैं और पश्चिमी डीएफसी पर लगभग 300 ट्रेनें हर दिन चल रही हैं। हमें उम्मीद है कि हम 25 टन एक्सल लोड वाली ट्रेनें चलाएंगे। हमारे पास पहले से ही इसके लिए वैगन हैं, कंटेनरों और कोयले के लिए भी वैगन उपलब्ध हैं। कोयला पूर्वी डीएफसी के लिए प्राथमिक वस्तु है और कंटेनर पश्चिमी डीएफसी के लिए मुख्य यातायात है।"

उन्होंने आगे कहा, "वर्तमान में, हम लंबी दूरी की ट्रेनें भी चला रहे हैं, जिन्हें हम दो ट्रेनों को एक साथ जोड़कर चला रहे हैं। इसमें लगभग 118 या 120 बोगी एक ट्रेन में होती हैं। ये हमारी कुल ट्रेनों का लगभग 18 प्रतिशत हिस्सा हैं।"

डीएफसीसीआईएल के एमडी प्रवीण कुमार ने आईएएनएस से कहा, "ग्लोबल हैवी हॉल सेमीनार एक इंटरनेशनल लेवल की कॉन्फ्रेंस है और अलग-अलग देशों के एक्सपर्ट इस सेमीनार का हिस्सा बने हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया, यूएस, ब्राजील और ऑस्ट्रिया जैसे मुख्य देश भी शामिल हैं, जिन्हें हेवी हॉल ऑपरेशन्स में विकसित देश माना जाता है। मैं समझता हूं कि ऑस्ट्रेलिया, यूएस और साउथ अफ्रीका जैसे देश हैवी हॉल में बहुत बड़े मील के पत्थर हैं।"

--आईएएनएस

एसकेटी/

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