एमएसएमई को तेजी से मिल रहा लोन, क्रेडिट एक्सपोजर सालाना आधार पर 17.8 प्रतिशत बढ़ा

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 100 करोड़ रुपए तक का क्रेडिट एक्सपोजर सालाना आधार पर 17.8 प्रतिशत बढ़कर 43.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

सीआरआईएफ हाई मार्क की रिपोर्ट में कहा गया कि एक्टिव लोन की संख्या सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत बढ़कर 192.9 लाख हो गई है। यह दिखाता है कि उधार लेने वालों की तुलना में लोन पोर्टफोलियो (बड़ी टिकट साइज के लोन) में तेजी से इजाफा हो रहा है।

क्रेडिट एक्सपोजर में लघु उद्यमों की हिस्सेदारी बढ़कर 39.5 प्रतिशत हो गई है, जो कि एक साल पहले 38.4 प्रतिशत थी। मध्यम उद्यमों की हिस्सेदारी बढ़कर 23.1 प्रतिशत हो गई है, जो कि पहले 22.5 प्रतिशत थी। हालांकि, सूक्ष्म उद्यमों की क्रेडिट एक्सपोजर में हिस्सेदारी स्थिर रही है। वहीं, एक्टिव लोन की संख्या में 86.4 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सूक्ष्म उद्यम पहले स्थान पर थे।

रिपोर्ट में बताया गया कि पोर्टफोलियो की गुणवत्ता में लगातार सुधार जारी है। 91-180 दिनों के लिए एमएसएमईएक्स पोर्टफोलियो जोखिम (पीएआर) सितंबर 2025 में 1.6 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो पिछली तिमाही की तुलना में सुधार दर्शाता है।

सीआरआईएफ हाई मार्क के अध्यक्ष और सीआरआईएफ इंडिया एवं दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय प्रबंध निदेशक, सचिन सेठ ने कहा, "भारत का एमएसएमई लोन इकोसिस्टम भारत के व्यापक आर्थिक परिवर्तन के साथ मजबूती को प्रदर्शित कर रहा है। लोन मात्रा के मामले में सूक्ष्म उधारकर्ता रीढ़ बने हुए हैं, और वास्तविक लोन गति छोटे और मध्यम उद्यमों की ओर बढ़ रही है।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक 36.3 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सूक्ष्म उद्यमों को मुख्य ऋणदाता बने हुए हैं, जबकि निजी बैंक क्रमशः 46.4 प्रतिशत और 47 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ लघु और मध्यम ऋण श्रेणियों में अग्रणी हैं।

एनबीएफसी ने अपना दायरा बढ़ाया और सूक्ष्म उद्यमों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 20.1 प्रतिशत, लघु क्षेत्र में 13.9 प्रतिशत और मध्यम क्षेत्र में 15.7 प्रतिशत कर ली।

महाराष्ट्र 7 लाख करोड़ रुपए के बकाया एक्सपोजर के साथ सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है, जिसमें सालाना आधार पर मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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