मुंबई, 10 जून (आईएएनएस)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के प्रबंध निदेशक और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि एनएसई डीआरएचपी प्रोसेस शुरू करने के लिए सेबी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) का इंतजार कर रहा है और जैसे ही एक्सचेंज को यह मिल जाएगा, वह डीआरएचपी बनाने के प्रोसेस को शुरू कर देंगे।
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए आशीष चौहान ने कहा, "एक्सचेंज ने रेगुलेटर से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की मांग की है। एनओसी मिलने के बाद हम अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टर्स (डीआरएचपी) तैयार करेंगे और फिर हम इसे सेबी को वापस भेजेंगे। इसके बाद वे इसे मंजूरी देने के लिए अपना समय लेंगे।"
पिछले महीने सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने कहा था कि एनएसई के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) से जुड़े लंबित मुद्दों को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा और नियामक इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी में एसोचैम के एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बात करते हुए पांडे ने कहा, "हम जल्द ही इस पर काम शुरू करेंगे। एनएसई और सेबी इस पर चर्चा कर रहे हैं। वे मुद्दों को सुलझा रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह जल्द ही हो जाएगा और हम आगे बढ़ेंगे।"
वहीं, समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर सेबी प्रमुख ने कहा कि वह कोई तारीख नहीं बता सकते, लेकिन सभी लंबित मुद्दों का समाधान हो जाएगा और हम आगे बढ़ेंगे। आगे कहा, "मैं आपको समय-सीमा नहीं बता सकता, लेकिन मुझे लगता है कि हमें जल्द ही यह करना चाहिए।"
उसी एसोचैम कार्यक्रम में एनएसई के सीईओ ने कहा कि भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इक्विटी बाजार बन गया है।
उन्होंने कहा, "1994 में जब एनएसई ने परिचालन शुरू किया था, तब से भारत का बाजार पूंजीकरण 120 गुना से अधिक बढ़ गया है। आज यह लगभग 440 लाख करोड़ रुपए या 5.1 ट्रिलियन डॉलर है।"
--आईएएनएस
एबीएस/