'बैंक क्रेडिट ग्रोथ' डिपॉजिट ग्रोथ से निकली आगे, फेस्टिव डिमांड और जीएसटी रेट कट का दिखा असर

नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस) । सीजनल फेस्टिव डिमांड, जीएसटी रेट कट और मजबूत रिटेल और एमएसएमई एक्टिविटी जैसे कारकों के चलते इस वर्ष मिड अक्टूबर तक बैंक क्रेडिट ग्रोथ डिपॉजिट ग्रोथ को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल गई। यह जानकारी मंगलवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

केयर एज रेटिंग्स के अनुसार, 17 अक्टूबर तक कुल क्रेडिट ऑफ टेक सालाना आधार पर 11.5 प्रतिशत वृद्धि के साथ 192.1 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया

इसके अलावा, फेस्टिव सीजन के दौरान मजबूत व्हीकल फाइनेंसिंग के साथ समग्र क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा मिलने की उम्मीद की जा रही हैै। रेटिंग एजेंसी का कहना है कि यह वृद्धि बढ़ते बॉन्ड यील्ड की वजह से कॉरपोरेट के दिलचस्पी की वजह से देखी जा रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, एग्रीगेट डिपॉजिट सालाना आधार पर 9.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 238.8 लाख करोड़ रुपए पहुंच गई। यह 1 प्रतिशत की क्रमिक गिरावट को भी दर्शाती है।

केयर एज रेटिंग्स के अनुसार, क्रेडिट-टू-डिपॉजिट रेश्यो वर्तमान 15 दिनों में 80 प्रतिशत मार्क को पार करते हुए 80.4 प्रतिशत हो गया।

वर्तमान 15 दिनों में डिपॉजिट में गिरावट फेस्टिव सीजन में कैश निकासी और सर्कुलेशन में करेंसी के बढ़ने के कारण दर्ज की गई, जो कि सालाना आधार पर बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपए हो गई।

इसके अलावा, डिपॉजिट के घटने का एक और कारण बैंकों के रेट कटिंग साइकल में होना और निवेशकों का दूसरे विकल्पों की ओर रुख करना हो सकता है

रिपोर्ट में कहा गया है कि शॉर्ट-टर्म वेटेड एवरेज कॉल रेट (डब्ल्यूएसीआर) भी बीते 15 दिनों में 5.47 प्रतिशत से बढ़कर 5.53 प्रतिशत हो गया है और 5.50 प्रतिशत की रेपो रेट से तीन बेसिस प्वाइंट ऊपर बना हुआ है।

डब्ल्यूएसीआर में बढ़त बैंकिंग सिस्टम में टाइट लिक्विडिटी कंडीशन को दर्शाती है, जो कि बढ़ती क्रेडिट डिमांड की वजह से देखी जा रही है। जबकि दूसरी ओर केंद्रीय बैंक आरबीआई लगातार लिक्विडिटी को वेरिएबल रेपो रेट ऑपरेशन (वीआरआर) से मैनेज कर रहा है।

--आईएएनएस

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