भारतीय सीमेंट कंपनियों ने आगामी तिमाही में मजबूत कमाई के दिए संकेत : रिपोर्ट

नई दिल्ली, 24 सितंबर (आईएएनएस)। भारत का सीमेंट सेक्टर कमजोर वॉल्यूम के बावजूद प्राइस सस्टेनेबिलिटी और मार्जिन पर कम दबाव के कारण अपकमिंग अर्निंग सीजन में मजबूत प्रदर्शन दर्ज करवा सकता है। यह जानकारी बुधवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।

अमेरिकी ब्रोकिंग हाउस गोल्डमैन सैक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सीजनली कमजोर तिमाही में उम्मीद से कम वॉल्यूम के बावजूद जुलाई और अगस्त में प्राइस सस्टेनेबिलिटी ने भारतीय सीमेंट कंपनियों के लिए स्थिर ऑपरेशनल आंकड़े दर्ज करवाए हैं।

ब्रोकिंग हाउस ने भारत की प्रमुख सीमेंट कंपनियों को 'बाय' या 'न्यूट्रल' रेटिंग दी है।

गोल्डमैन सैक्स को वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में सीमेंट इंडस्ट्री के वॉल्यूम में सालाना आधार पर लगभग 4 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद है। फर्म ने कहा कि जीएसटी में सुधार से सितंबर के आखिर में मांग बढ़ सकती है।

रिपोर्ट में सितंबर की कमजोर शुरुआत की बात कही गई है, लेकिन महीने के आखिरी सप्ताह में जीएसटी सुधार की वजह से बढ़ती मांग के साथ एक्टिविटी बढ़ने का अनुमान लगाया है।

फर्म ने कहा कि लागत आम तौर पर स्थिर रहती है, लेकिन हाल ही में पेटकॉक प्राइस बढ़ गए हैं और रुपए की कमजोरी से दबाव बढ़ा है।

भारत की तीन सबसे बड़ी सीमेंट कंपनियां लगभग 41 मिलियन टन क्षमता जोड़ने जा रही हैं। इसलिए इस वित्त वर्ष में क्षमता में बढ़ोतरी महत्वपूर्ण है।

ब्रोकरेज फर्म ने अनुमान लगाया कि वित्त वर्ष 26 में इंडस्ट्री लगभग 45-50 मिलियन टन क्षमता जोड़ेगी।

ब्रोकिंग हाउस ने बताया कि कई प्रोजेक्ट अभी निर्माणाधीन हैं, 45-50 मिलियन टन योजना वाले अधिकतर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है और मांग में गिरावट के जवाब में कंपनियां केवल कुछ विस्तार योजनाओं को टाल सकती हैं।

गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि पहली तिमाही में की गई कीमत वृद्धि दूसरी तिमाही में केवल मामूली रूप से सुधरी है, जो जून 2025 के स्तर की तुलना में प्रति बैग 5-10 रुपए या प्रति टन लगभग 120 रुपए है।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने पहले कहा था कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीसटी) में कटौती से सीमेंट कंपनियों का ऑपरेटिंग प्रॉफिट प्रति मीट्रिक टन 100-150 रुपए बढ़ जाएगा।

--आईएएनएस

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