भारत वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा

नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच, भारत की विकास दर मजबूत बनी हुई है और देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। एसएंडपी ग्लोबल की बुधवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

यह पॉजिटिव आउटलुक देश के घरेलू बफर और बाहरी चुनौतियों के परस्पर प्रभाव से निर्मित हो रहा है।

एसएंडपी ग्लोबल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत की ग्रोथ परफॉर्मेंस दिखाती है कि पिछले बाहरी झटकों ने देश के लिए अल्पकालिक चुनौतियां पैदा की हैं, लेकिन इनसे देश की दीर्घकालिक विकास की गति बाधित नहीं हुई है।"

इसके अलावा, भारत ने आर्थिक सुधारों, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और प्रक्रियागत सुधारों को आगे बढ़ाकर विकसित देशों के मुकाबले अपनी विकास क्षमता को बढ़ाने में कामयाबी हासिल की है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत वैश्विक व्यापार में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा, जिससे आर्थिक विकास, पूंजी आकर्षण और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

देश की तेजी से इंटीग्रेट होती जा रही है और अर्थव्यवस्था को सुधार की जरूरत है।

ट्रेडिशनल लेंडर्स द्वारा छोड़े गए फाइनेंशियल गैप और घरेलू इनसॉल्वेंसी फ्रेमवर्क की मजबूती से प्राइवेट क्रेडिट इंडस्ट्री भी विकास के लिए तैयार है।

रिपोर्ट में अगले 10 वर्षों में ग्लोबल शिपबिल्डिंग मार्केट में भारत की अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की क्षमता पर भी प्रकाश डाला गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "हालांकि देश की महत्वाकांक्षाएं स्पष्ट हैं, लेकिन भारत को 2047 तक टॉप पांच शिपबिल्डिंग नेशन में शामिल होने के लिए एक स्पष्ट रणनीति की आवश्यकता है, जो आज के 1 प्रतिशत से भी कम वैश्विक बाजार हिस्सेदारी से एक चुनौतीपूर्ण यात्रा है।"

भारत का डिजिटल परिदृश्य अभूतपूर्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जो डेटा सेंटर जैसे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा दे रहा है और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, अगले दो वर्षों में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत डेटा सेंटर की बिजली मांग को लेकर जापान और ऑस्ट्रेलिया को पीछे छोड़ते हुए दूसरा सबसे बड़ा मार्केट बन जाएगा।

--आईएएनएस

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