भारत मजबूत आर्थिक विकास पथ पर, अब सबसे बड़ा आर्थिक केंद्र: आरबीआई के पूर्व उप गवर्नर

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारत मजबूत आर्थिक विकास की राह पर है, जिसे मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरता, आत्म-निर्मित वित्तपोषण और मजबूत वित्तीय क्षेत्र का समर्थन प्राप्त है, यह बात भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व उप गवर्नर माइकल देबाब्रत पात्रा ने शुक्रवार को कही।

चौथे कौटिल्य इकोनॉमिक कॉन्क्लेव के दौरान आईएएनएस से बातचीत में पात्रा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी भारत उच्च विकास दर बनाए रखने के लिए अच्छी स्थिति में है।

पात्रा ने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था को कम मुद्रास्फीति, संकुचित चालू खाता घाटा, प्रबंधनीय कर्ज स्तर और बड़ी विदेशी मुद्रा भंडार जैसी विशेषताएं मजबूत कर रही हैं।

उन्होंने कहा, “ये सभी संकेत मैक्रोइकॉनॉमिक स्थिरता के हैं, और इसे बनाए रखने के लिए अधिकारियों की स्पष्ट प्रतिबद्धता है। यह स्थिरता उच्च विकास की नींव डालती है और वैश्विक प्रभावों जैसे टैरिफ से भारत को सुरक्षित रखती है।”

पात्रा ने 8 प्रतिशत से अधिक जीडीपी विकास की दिशा में भारत की प्रगति पर भरोसा जताया और कहा कि यह रुझान 2021 से पिछले पांच वर्षों में पहले ही दिखाई दे चुका है।

उन्होंने कहा, “पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत विकास हुआ, जो सामान्यतः मौसमी गिरावट मानी जाती है। साल के बाकी हिस्से में विकास और मजबूत होने की उम्मीद है।”

उन्होंने यह भी बताया कि भारत का आत्मनिर्भर निवेश मॉडल और वित्तीय क्षेत्र की मजबूती, जिसमें शुद्ध गैर-निष्पादित संपत्ति लगभग शून्य है, दीर्घकालिक विकास को सहारा देने वाले मुख्य कारक हैं।

पात्रा ने भारत की बाहरी स्थिरता पर भी जोर दिया, उन्होंने संकुचित चालू खाता और वर्तमान में दुनिया के चौथे सबसे बड़े विदेशी मुद्रा भंडार का उदाहरण दिया।

उन्होंने कहा कि ये कारक, निरंतर व्यापार वार्ता और निर्यात-केंद्रित नीतियों के साथ मिलकर भारत को वैश्विक चुनौतियों जैसे टैरिफ से निपटने में मदद करेंगे।

उन्होंने कहा, “जीएसटी सुधार और निर्यात पैकेज पहले ही निर्यातकों के इनपुट लागत को कम कर रहे हैं। अमेरिका के साथ वार्ता टैरिफ प्रभाव को और कम कर सकती है, विशेषकर भारत के उनके साथ वर्तमान व्यापार अधिशेष को देखते हुए।”

वैश्विक बदलाव में भारत की भूमिका पर पात्रा ने कहा कि देश हमेशा गैर-संरेखित रणनीति अपनाता रहा है।

उन्होंने कहा, “भारत बहुपोलर विश्व में एक धुरी के रूप में उभर सकता है, और वैश्विक दक्षिण इसे पहले से ही एक नेता के रूप में देख रहा है। और यह बहुत संतुलित तरीके से कर रहा है।”

--आईएएनएस

डीएससी

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