भारत में बागवानी फसलों का उत्पादन फसल वर्ष 2024-25 में लगभग 3.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान

नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी दूसरे एडवांस अनुमानों के अनुसार, फलों और सब्जियों के अधिक उत्पादन के कारण भारत में फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) में बागवानी फसलों का उत्पादन 3.66 प्रतिशत बढ़कर 367.72 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान है।

2023-24 में बागवानी फसलों का उत्पादन 354.74 मिलियन टन रहा। 2024-25 में बागवानी फसलों के अंतर्गत आने वाला रकबा पिछले वर्ष के 290.86 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 292.67 लाख हेक्टेयर हो गया।

आंकड़ों से पता चलता है कि 2024-25 में फलों का उत्पादन 1.36 प्रतिशत बढ़कर 1,145.10 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि सब्जियों का उत्पादन 6 प्रतिशत बढ़कर 2,196.74 लाख टन होने का अनुमान है।

2024-25 में मसालों का उत्पादन 123.70 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह 124.84 लाख टन था।

सब्जियों की श्रेणी में प्याज का उत्पादन 242.67 लाख टन से बढ़कर 307.73 लाख टन होने का अनुमान है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उत्पादन में यह वृद्धि किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के प्रयासों के साथ-साथ सरकार द्वारा की गई पहलों के कारण हुई है।

भारतीय बागवानी क्षेत्र कृषि ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में लगभग 33 प्रतिशत का योगदान देता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देता है।

राष्ट्र की पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा, यह वैकल्पिक ग्रामीण रोजगार के अवसर, कृषि गतिविधियों में विविधता और किसानों को बढ़ी हुई आय प्रदान करता है।

भारत वर्तमान में लगभग 320.48 मिलियन टन बागवानी उत्पाद का उत्पादन कर रहा है, जो खाद्यान्न उत्पादन से आगे निकल गया है। 2.23 टन/हेक्टेयर खाद्यान्न की उत्पादकता की तुलना में बागवानी फसलों की उत्पादकता 12.49 टन/हेक्टेयर बहुत अधिक है।

भारत आम, केला, अमरूद, पपीता, चीकू, अनार, नींबू और आंवला जैसे विभिन्न फलों के उत्पादन में विश्व में अग्रणी बनकर उभरा है और फलों और सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।

इसके अलावा, भारत ने मसालों, नारियल और काजू के उत्पादन में अपना दबदबा बनाए रखा है। नई फसलों में, कीवी, खीरा, किन्नू, खजूर और तेल ताड़ को देश में व्यावसायिक खेती के लिए सफलतापूर्वक पेश किया गया है।

राष्ट्रीय बागवानी मिशन के शुभारंभ से बागवानी फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में तेजी आई है।

2004-05 और 2021-22 (तीसरा अग्रिम अनुमान) के बीच बागवानी फसलों की उत्पादकता में लगभग 38.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

--आईएएनएस

एसकेटी/

Related posts

Loading...

More from author

Loading...