भारत की पवन ऊर्जा क्षमता बढ़कर 51.5 गीगावाट हुई : प्रल्हाद जोशी

नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस) केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने रविवार को कहा कि भारत की पवन ऊर्जा क्षमता में पिछले साल के 46.42 गीगावाट के मुकाबले 10.5 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 51.5 गीगावाट हो गई है।

'ग्लोबल विंड डे' के अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में मंत्री ने कहा कि 51.5 गीगावाट क्षमता के साथ, "हम इनोवेशन, ग्रीन टेक्नोलॉजी और सस्टेनेबल प्रोग्रेस द्वारा संचालित एक आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं।"

जोशी ने कहा, "इस ग्लोबल विंड डे पर, आइए भारत की स्वच्छ ऊर्जा वृद्धि को गति देने वाली पवन ऊर्जा की शक्ति का जश्न मनाएं।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी वृद्धि देखी गई है।

मंत्री के अनुसार, सौर ऊर्जा से लेकर पवन ऊर्जा तक, हमारा देश एक उज्जवल और अधिक टिकाऊ भविष्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई में कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता पिछले साल के इसी महीने के 193.58 गीगावाट से बढ़कर 226.74 गीगावाट हो गई, जो सालाना आधार पर क्षमता में 17.13 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता में से सौर ऊर्जा क्षमता मई 2024 में 84.28 गीगावाट से 31.49 प्रतिशत बढ़कर 110.83 गीगावाट हो गई।

भारत की सौर ऊर्जा क्षमता ने पिछले 11 वर्षों में एक बड़ी छलांग लगाई है, यह 2014 में मात्र 2.82 गीगावाट थी।

सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता की स्थापना में विस्तार को सौर सेल और वेफर्स के मजबूत घरेलू उत्पादन द्वारा सपोर्ट किया गया है, यह 2014 में लगभग न के बराबर था। भारत ने अब 25 गीगावाट के सौर सेल और 2 गीगावाट के वेफर उत्पादन के साथ एक मजबूत आधार तैयार किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में देश के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए 2030 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता के लिए 500 गीगावाट तक बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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