भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 7 प्रतिशत से अधिक बढ़ा

नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। भारत का कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में सालाना आधार पर 7 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 5.96 अरब डॉलर हो गया। निर्यात में यह वृद्धि मुख्य रूप से चावल, मांस और फलों-सब्जियों के मजबूत शिपमेंट की वजह से दर्ज की गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बासमती और गैर-बासमती किस्मों सहित चावल का निर्यात वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में पिछले वर्ष की तुलना में 3.5 प्रतिशत बढ़कर 2.9 अरब डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 2025 में चावल का निर्यात रिकॉर्ड 12.47 अरब डॉलर दर्ज किया गया था, जो वित्त वर्ष 2024 की तुलना में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।

जानकारों का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में भारतीय चावल की मांग मजबूत बनी हुई है। म्यांमार और पाकिस्तान जैसे प्रतिस्पर्धी देशों में कम स्टॉक के स्तर ने वैश्विक खरीदारों का रुझान भारत की ओर मोड़ दिया है। इसी के साथ आगामी तिमाही में निर्यात बढ़ने की उम्मीद की जा रही है।

हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) देशों और ब्रिटेन सहित विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के माध्यम से अनुकूल नीतियों, राजकोषीय प्रोत्साहनों, कम टैरिफ बाधाओं और नए बाजार तक पहुंच के साथ कृषि क्षेत्र में शानदार प्रगति हुई है।

16वें एग्रीकल्चर लीडरशिप कॉनक्लेव को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि संतुलित उर्वरक इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 25 करोड़ सॉइल हेल्थ कार्ड वितरित किए गए हैं और किसान क्रेडिट कार्ड पहल के माध्यम से फसल ऋण सुलभ कराए गए हैं।

उन्होंने कहा था कि वैश्विक बाजार में उथल-पुथल और निर्यात में गिरावट के बावजूद, भारत के कृषि क्षेत्र ने मजबूती का प्रदर्शन किया है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय किसानों के प्रयासों ने कृषि-निर्यात के स्थिर प्रदर्शन में योगदान दिया है और इसी के साथ कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन निर्यात 4 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।

--आईएएनएस

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