भारत का कम्पोजिट पीएमआई नवंबर में 59.9 पर रहा, आने वाले समय में ग्रोथ बढ़ने का अनुमान

नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। भारत का कम्पोजिट पीएमआई नवंबर में 59.9 पर रहा है और सर्वेक्षण में भाग लेने वाली निजी कंपनियों ने कहा है कि आने वाले समय में आउटपुट में ग्रोथ देखने को मिल सकती है। यह जानकारी एसएंडपी ग्लोबल की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए डेटा में दी गई।

कम्पोजिट पीएमआई (पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज पीएमआई का औसत होता है। यह अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों के सूचक के तौर पर कार्य करता है।

कम्पोजिट पीएमआई का इस महीने 59.9 पर रहना दिखाता है कि आर्थिक गतिविधियों में तेज वृद्धि हो रही है।

जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होता है तो यह आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि को दिखाता है। वहीं, इसके 50 से नीचे होने पर आर्थिक गतिविधियों में गिरावट होती है।

एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट, प्रांजुल भंडारी ने कहा कि "एचएसबीसी फ्लैश मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में कमी आई है, हालांकि ऑपरेटिंग कंडीशन में सुधार ठीक रहा है।"

भंडारी ने बताया, "नए एक्सपोर्ट ऑर्डर में बढ़ोतरी अक्टूबर जैसी ही रही है। हालांकि, इस दौरान नए ऑर्डर कम आए, जिससे पता चलता है कि जीएसटी से मिली बढ़त शायद अपने पीक पर पहुंच गई है। लागत का दबाव काफी कम हुआ, जिससे कीमतें भी घटी हैं।"

रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ मैन्युफैक्चरर्स की ओर से नवंबर में नए बिजनेस में धीमापन दर्ज किया गया है, जबकि सर्विसेज सेक्टर में पिछले महीने के मुकाबले गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है।

एसएंडपी ग्लोबल के मुताबिक, निजी कंपनियों ने आने वाले समय के लिए आउटपुट में मजबूत वृद्धि का अनुमान लगाया है, जिसे प्रतिस्पर्धी कीमतें, मार्केटिंग पहलों और हाल के महीनों में हुई क्षमता विस्तार का फायदा मिलेगा। हालांकि, नवंबर में विश्वास 2022 के मध्य के स्तर के नीचे आ गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक ताजा फ्लैश सर्वेक्षण से पता लगता है कि मैन्युफैक्चरर्स और सर्विस प्रोवाइडर्स पर महंगाई का दबाव काफी कम हो गया है। भारतीय प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों ने लगातार दूसरे महीने क्षमता का दबाव न होने का संकेत दिया और नवंबर में आउटस्टैंडिंग बिजनेस वॉल्यूम में और कमी आई। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस दोनों फर्मों की गतिविधियों में मामूली गिरावट देखी गई।

--आईएएनएस

एबीएस/

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