नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व अमेरिकी सहायक वाणिज्य सचिव रेमंड विकरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था विकास पथ पर मजबूती से आगे बढ़ रही है और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में की गई 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा को एक बाधा के बजाय छोटी अवधि की एक चुनौती के रूप में देखा जाना चाहिए।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बातचीत करते हुए विकरी ने कहा कि यह निर्णय दशकों से वैश्विक व्यापार को सहारा देने वाले बहुपक्षीय व्यापार ढांचे से दूर जाने का संकेत देता है, लेकिन भारत की दीर्घकालिक संभावनाएं उज्ज्वल बनी हुई हैं।
उन्होंने आईएएनएस को बताया, "भारत की आर्थिक मजबूती, इसका विशाल बाजार और प्रतिस्पर्धा के प्रति इसका खुलापन इसे आगे बढ़ाता रहेगा।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत का ध्यान अपनी व्यापारिक साझेदारियों का विस्तार करने और नए अवसरों के द्वार खोलने के लिए टैरिफ कम करने पर होना चाहिए।
विकरी ने कहा कि एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में भारत का उदय विश्व अर्थव्यवस्था में एकीकृत होने की उसकी क्षमता से जुड़ा है।
उन्होंने कहा, "भारत नई आर्थिक व्यवस्था में नेतृत्व करने के लिए अच्छी स्थिति में है। टैरिफ कुछ क्षेत्रों की गति को अस्थायी रूप से धीमा कर सकते हैं, लेकिन वे भारत की तेजी को नहीं रोक सकते।"
विकरी ने नेताओं से आग्रह किया कि वे वर्तमान समय को व्यापार संबंधों को फिर से बनाने के अवसर के रूप में देखें।
गुरुवार देर रात ट्रंप ने भारत पर शुक्रवार से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का कार्यकारी आदेश जारी किया।
हालांकि, इसमें रूसी ऊर्जा खरीदने या ब्रिक्स समूह का हिस्सा होने पर भारत पर अतिरिक्त टैरिफ शामिल नहीं थे, जिसे लेकर ट्रंप ने पहले भी चेतावनी दी थी।
इससे पहले ट्रंप ने जब पहली बार टैरिफ की धमकी दी थी, तो भारत ने स्पष्टता से कहा था कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा, "देश विभिन्न देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत करते समय राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।"
--आईएएनएस
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