आंध्र प्रदेश को लॉजिस्टिक्स हब बनाने की तैयारी, बंदरगाह विकास में 9,000 करोड़ का निवेश

अमरावती, 21 अगस्त (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य को भारत का लॉजिस्टिक्स हब बनाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक और ओडिशा के कई हिस्से आंध्र प्रदेश के बंदरगाहों पर निर्भर हैं, इसलिए यह योजना इन राज्यों से किफायती कार्गो परिवहन सुनिश्चित करे।

नायडू ने बताया कि आंध्र प्रदेश की 1,053 किलोमीटर लंबी तटरेखा को देखते हुए सरकार ने हर 50 किलोमीटर पर एक बंदरगाह या हार्बर विकसित करने की रणनीति बनाई है।

वे आंध्र प्रदेश मैरीटाइम बोर्ड और एक वैश्विक शिपिंग एवं पोर्ट मैनेजमेंट कंपनी की सहायक इकाई के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षर समारोह में बोल रहे थे। इस समझौते के तहत करीब 9,000 करोड़ रुपये के निवेश से रामयपट्टनम, मछलीपट्टनम और मुलपेटा बंदरगाहों का विकास और आधुनिकीकरण किया जाएगा।

कंपनी इन बंदरगाहों पर आधुनिक टर्मिनल और कार्गो हैंडलिंग सिस्टम स्थापित करेगी। इस पहल से लगभग 10,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।

राज्य सरकार का कहना है कि आंध्र प्रदेश को ईस्ट कोस्ट गेटवे के रूप में विकसित करने का लक्ष्य अब हकीकत बनता जा रहा है।

मुख्यमंत्री नायडू ने जोर देकर कहा कि कंपनी की सेवाओं से न केवल अंतरराष्ट्रीय बल्कि घरेलू कार्गो परिवहन को भी लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि बंदरगाहों के आसपास आर्थिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि राज्य का लक्ष्य विश्वस्तरीय बंदरगाहों और लॉजिस्टिक्स के माध्यम से आंध्र प्रदेश को भविष्य के लिए तैयार अर्थव्यवस्था बनाना है। नायडू ने कंपनी से रेल, सड़क, अंतर्देशीय जलमार्ग और हवाई मार्गों के जरिए एकीकृत कार्गो परिवहन योजना तैयार करने में सहयोग देने का भी अनुरोध किया।

इस अवसर पर मंत्री बी.सी. जनार्दन रेड्डी, मैरीटाइम बोर्ड के चेयरमैन दमचारला सत्य, उद्योग विभाग के सचिव युवराज, वरिष्ठ अधिकारी और कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

--आईएएनएस

डीएससी/

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