आरबीआई ग्राहकों की सुरक्षा के लिए अंतरिक लोकपाल को देगा और शक्तियां

मुंबई, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि ग्राहकों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बैंक ने वाणिज्य बैंकों के अंतरिक लोकपाल (आईओ) को कंपनसेशन पावर और शिकायतकर्ता तक पहुंच प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिससे आईओ का रोल आरबीआई लोकपाल की भूमिका के अधिक निकट हो जाएगा।

केंद्रीय बैंक ने रेगुलेटेड संस्थाओं (आरई) जैसे बैंक एवं एनबीएफसी में आईओ सिस्टम को संस्थागत कर दिया है, इससे आंतरिक लोकपाल द्वारा अस्वीकृत की जा रही शिकायतों की स्वतंत्र शीर्ष स्तरीय समीक्षा संभव हो सकेगी। आंतरिक लोकपाल को और अधिक अधिकार देने के कदम से इस व्यवस्था की प्रभावशीलता और बढ़ेगी।

इसके अतिरिक्त, आईओ को शिकायत भेजने से पहले शिकायत निवारण के लिए विनियमित संस्थाओं के भीतर एक द्वि-स्तरीय संरचना शुरू की जा सकती है। इन उपायों का उद्देश्य विनियमित संस्थाओं के भीतर ग्राहकों की शिकायतों का सार्थक और समय पर समाधान प्रदान करना है, जिससे सेवा मानकों और उपभोक्ता विश्वास में सुधार होगा।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इन संशोधनों को रेखांकित करते हुए मास्टर निर्देश का एक मसौदा जल्द ही जनता की प्रतिक्रिया के लिए जारी किया जा रहा है।

रिजर्व बैंक - एकीकृत लोकपाल योजना (आरबी-आईओएस) (योजना), 2021, 12 नवंबर, 2021 को शुरू की गई थी, जो विनियमित संस्थाओं (आरई) के ग्राहकों को एक त्वरित, लागत प्रभावी और शीघ्र वैकल्पिक शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करती है।

मल्होत्रा ​​ने आगे बताया कि वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत आने वाले विनियमित संस्थाओं में वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, 50 करोड़ रुपये और उससे अधिक जमा राशि वाले गैर-अनुसूचित प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक, चुनिंदा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और क्रेडिट सूचना कंपनियां शामिल हैं।

ग्रामीण सहकारी बैंकों के ग्राहकों को आरबीआई लोकपाल की व्यवस्था तक पहुंच प्रदान करने के लिए, राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (जो अब तक नाबार्ड के अंतर्गत आते थे) को आरबीआई लोकपाल योजना के दायरे में लाने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में शीघ्र ही एक अधिसूचना जारी की जाएगी।

इसके अलावा, परिचालन अनुभव, हितधारकों की प्रतिक्रिया और ग्लोबल बेस्ट प्रैक्टिस के आधार पर, रिजर्व बैंक ने इस योजना की व्यापक समीक्षा की है।

इस समीक्षा का उद्देश्य स्पष्टता बढ़ाना, प्रक्रियाओं को सरल बनाना और समय-सीमा को कम करना है ताकि समयबद्ध, निष्पक्ष और प्रभावी निवारण को और बेहतर बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि हितधारकों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए मसौदा योजना शीघ्र ही रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी।

--आईएएनएस

एबीएस/

Related posts

Loading...

More from author

Loading...