नई दिल्ली: सरकारी आकड़ों के मुताबिक आज देश के 165 बड़े थर्मल पावर स्टेशन में से करीब 10% के पास 5% या उससे भी कम कोयले का स्टॉक बचा है। अब ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि कोल इंडिया लिमिटेड को कोयला का प्रोडक्शन और बढ़ाना होगा।
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने मीडिया के सामने माना बिजली की अप्रत्याशित मांग को देखते हुए कोल इंडिया लिमिटेड को कोयले का प्रोडक्शन और बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि देश में हर दिन 40,000 मेगावाट से 45,000 मेगावाट तक बिजली की मांग बढ़ रही है। पिछले साल की इसी तारीख की तुलना में ऊर्जा की खपत आज 3500 मिलियन यूनिट से बढ़कर 4500 मिलियन यूनिट हो गई है।
ऊर्जा मंत्री ने माना कि देश के बड़े थर्मल पावर स्टेशंस के पास कोयले का रिज़र्व स्टॉक कम हो गया है, क्योंकि उनपर पावर प्रोडक्शन का दबाव है। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्य सरकारों ने कोयले की कमी को पूरी करने के लिए कोयले का आयात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
आरके सिंह ने कहा, "कोल इंडिया ने उत्पादन बढ़ाया है, लेकिन उतना नहीं जितना की आवश्यकता है। इसलिए, आरक्षित कोयले का स्टॉक कम होना शुरू हो गया। 1 अप्रैल 2022 को आरक्षित कोयले का स्टॉक 24 मिलियन टन था। यह घटकर 18।5 मिलियन हो गया। हालांकि 31 मई को ये फिर से बढ़कर लगभग 20 मिलियन टन हो गया।
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की ताज़ा डेली कोल स्टॉक रिपोर्ट के मुताबिक 6 जून को देश के 165 बड़े थर्मल पावर स्टेशंस में से 17 के पास 5% या उससे भी कम कोयला बचा था, यानी देश में कोयला से चलने वाले करीब 10% ऐसे बड़े थर्मल पावर स्टेशंस थे, जिनके पास 5% या उससे भी कम का कोयले का स्टॉक बचा है।