नई दिल्ली: वाहनों में लगने वाली सेमीकंडक्टर चिप के कारोबार में अब चीन का एकाधिकार खत्म होता दिख रहा है। एक तरफ जहां चीन में चिप निर्माण तेजी से घट रहा है, वहीं भारत और अमेरिका अपना घरेलू उत्पादन तेजी से बढ़ा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में कोरोना प्रतिबंधों और डिमांड में कमजोरी की वजह से अगस्त महीने में चिप निर्माण में अब तक की सबसे बड़ी मासिक गिरावट देखने को मिली है।
रिपोर्ट के अनुसार, इंटेग्रेटेड सर्किट (आईसीएस) का उत्पादन साल दर साल 24.7 प्रतिशत घटकर 24.7 अरब यूनिट रह गया, जो 1997 के बाद से एक महीने में सबसे बड़ी गिरावट है। चिप निर्माण में गिरावट का यह लगातार दूसरा महीना भी है। जुलाई में उत्पादन 16.6 प्रतिशत घटकर 27.2 अरब इकाई रह गया था। यानी 25 साल बाद चीन के चिप उत्पादन में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, दूसरी तरफ भारत और अमेरिका ने अपना घरेलू उत्पादन लगभग दोगुना कर लिया है।
अगस्त में माइक्रो कंप्यूटर का स्थानीय उत्पादन 18.6 फीसदी गिरकर 317.5 अरब यूनिट रह गया। रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में घरेलू विनिर्माण गतिविधि तीन महीनों में पहली बार सिकुड़ गई हैं। बिजनेस डेटाबेस प्लेटफॉर्म किचाचा के आंकड़ों के मुताबिक रिकॉर्ड 3,470 चिप बनाने वाली कंपनियां साल के पहले आठ महीनों में कारोबार से बाहर हो गईं। चीन में चिप उत्पादन में मंदी आ रही है, क्योंकि भारत और अमेरिका दोनों स्थानीय चिप निर्माण को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहे हैं।
सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखते हुए गुजरात सरकार ने वेदांता और फॉक्सकॉन के साथ साझेदारी की है। भारत के सेमीकंडक्टर कम्पोनेंट मार्केट का 2026 तक कुल रेवेन्यू के मामले में 300 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) और काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, ‘मेक इन इंडिया’ और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं स्थानीय प्रोडक्शन को तेजी से बढ़ावा देंगी। भारत सरकार ने अपनी पीएलआई योजना के तहत सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम के विकास के लिए अलग से 76,000 करोड़ रुपये (करीब 10 अरब डॉलर) के खर्च की घोषणा की है।
वहीं अमेरिका भी चिप प्रोडक्शन में तेजी से काम कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चिप से जुड़े एक नए प्रस्ताव पर साइन किए हैं जो सेमीकंडक्टर उत्पादन प्रोत्साहन के लिए लगभग 52 अरब डॉलर खर्च करने के प्रस्ताव को मंजूरी देता है। इंटेल ने अमेरिका के ओहायो राज्य में 20 अरब डॉलर के नए सेमीकंडक्टर प्लांट पर काम शुरू कर दिया है। सैमसंग ने अगले दो दशकों में अमेरिका में 11 और चिप प्लांट बनाने के लिए करीब 200 अरब डॉलर का निवेश करने का प्रस्ताव रखा है।