बीजिंग: लद्दाख में नापाक साजिश रच रही चीन की सेना पैंगोंग झील पर विशाल पुल बना रही है। यह चीन की ओर पैंगोंग झील पर बनाया गया दूसरा पुल है, जिसका इस्तेमाल टैंक, हथियारबंद वाहनों जैसी भारी युद्धक सामग्री को भारतीय सीमा के बेहद करीब तक पहुंचाने में इस्तेमाल किया जाएगा। चीन यह दूसरा पुल ऐसे समय पर बनाया जा रहा है जब लद्दाख में चल रहा गतिरोध तीसरे साल में प्रवेश कर गया है। चीन की ओर से बनाया जा रहा पहला पुल अब पूरा हो गया है। पहले पुल का इस्तेमाल दूसरे पुल के निर्माण के लिए सर्विस पुल के रूप में किया जाएगा। रिपोर्ट में रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन पहले पुल का इस्तेमाल अपनी क्रेन को स्थापित करने और अन्य निर्माण सामग्रियों को लाने के लिए कर रहा है। नया पुल पहले बनाए गए पुल के ठीक पास स्थित है। यह नया पुल पहले की तुलना में काफी बड़ा और चौड़ा है। सूत्र ने बताया कि चीन के नए पुल के निर्माण को 3 सप्ताह पहले ही देखा गया है।
सूत्र ने कहा कि चीन के पूरे गेम प्लान को समझ लिया गया है। उन्होंने कहा कि चीन की ओर से पैंगोंग झील पर दोनों ही तरफ से नए पुल का निर्माण किया जा रहा है। चीन ने अपने पहले बनाए गए पुल को पहले से बनाए ढांचे को फिट करके बनाया था ताकि भारतीय सेना के किसी आक्रामक अभियान का जवाब दिया जा सके।
इससे पहले भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर स्थित चोटियों पर कब्जा करके चीन को बैकफुट पर ला दिया था। चीन का मकसद भविष्य में इस तरह की कार्रवाई को रोकना है। चीन के पुल से अब खुरनाक से रुडोक के बीच रास्ता 40 से 50 किमी कम हो गया है। पैंगोंग झील 135 किमी लंबी है जो चारों तरफ से जमीन से घिरी हुई है। यह झील लद्दाख से लेकर तिब्बत तक फैली हुई है। सूत्र ने कहा, इससे पहले बना चीनी पुल केवल सैनिकों और हल्के वाहनों को ही झेल सकता था, लेकिन नया पुल वास्तव में बड़ा है और चौड़ा है।
चीन की सेना अब इन पुलों को अपने सैन्य ठिकानों से जोड़ने के लिए रोड बना रही है। चीन की कोशिश भारतीय सैनिकों को कई रास्तों से पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर कब्जा करने से रोकना है। उधर, भारत ने कहा है कि चीन की तरफ अभी हमले की कोई आशंका नहीं है, लेकिन अगर ऐसा तो है तो पूरी ताकत से उसका जवाब दिया जाएगा।