ड्रैगन पर लगाम लगाने भारत समेत 4 देश लामबंद, सैटेलाइट रखी जाएंगी अवैध फिशिंग पर नजर

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टोक्यो: ड्रैगन की अनैतिक गतिविधियों पर लगाम लगाने इंडो पैसिफिक रीजन में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत एक साथ लामबंद होकर मोर्चा लेंगे। क्वाड के ये देश हिंद प्रशांत क्षेत्र में अवैध रूप से मछली पकड़ने पर अंकुश लगाने के लिए नई पहल करने जा रहे हैं। इसकी घोषणा टोक्यो में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन में की जाएगी। क्वाड का शिखर सम्मेलन 24 मई को जापान के टोक्यो मे होगा। फाइनेंशियल टाइम्स ने एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि हिंद महासागर से दक्षिणी प्रशांत सागर तक अवैध फिशिंग पर रोक लगाने के लिए सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल करके एक ट्रैकिंग सिस्टम बनाया जाएगा। इसके लिए सिंगापुर और भारत में सर्विलांस सेंटरों को आपस में जोड़ा जाएगा। इसका फायदा ये होगा कि भले ही मछली पकड़ने वाली नाव अपने ट्रांसपोंडर को बंद कर दें, फिर भी उन्हें ट्रैक किया जा सकेगा। ट्रांसपोंडर का इस्तेमाल जहाजों की लोकेशन देखने के लिए किया जाता है। लेकिन गैरकानूनी फिशिंग करने वाले अपनी नावों के ट्रांसपोंडर बंद कर देते हैं, जिससे उन्हें पकड़ना मुश्किल हो जाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, चीन बड़े पैमाने पर इस इलाके में फिशिंग को अंजाम देता है। उसके पास इसका विशाल बेड़ा है। भारत-प्रशांत क्षेत्र के कई देश चीन की इस हरकत से परेशान हैं। इन देशों का कहना है कि चीन के जहाज अक्सर उनके एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन की सीमा में घुस आते हैं और पर्यावरण के साथ साथ उन्हें आर्थिक नुकसान भी पहुंचाते हैं। कई बार चेतावनी के बावजूद चीन की हरकतों में सुधार नहीं हो रहा है। क्वाड के शिखर सम्मेलन पर इस बार पूरी दुनिया की नजरें हैं। रूस और यूक्रेन युद्ध के तीन महीने पूरे होने के मौके पर हो रहे इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी आ रहे हैं। भारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें हिस्सा लेंगे। भारत के लिहाज से भी यह सम्मेलन अहम है क्योंकि लद्दाख सीमा पर चीन ने फिर से हरकतें शुरू कर दी हैं। जानकारी के लिए बता दें कि क्वाड चार देश अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत का एक समूह है। मूल रूप से ये इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री व्यापार और शक्ति संतुलन बनाए रखने और चीन की अनैतिक गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए बनाया गया है।

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