चीन में 'तख्तापलट' की अफवाहों के बीच सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए जिनपिंग, अटकलों पर लगा विराम

Jinping

बीजिंग: चीन के सत्तारूढ़ दल के अगले महीने होने वाले अहम अधिवेशन से पहले एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेकर लौटे राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अचानक सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आने के बाद शुरू हुई अटकबाजियों पर विराम लग गया है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंगलवार को सम्युनिस्ट पार्टी की एक प्रदर्शनी में शामिल हुए। उनके बारे में कहा जा रहा था कि एससीओ सम्मेलन से वापस लौटने के बाद उन्हें नजरबंद कर लिया गया है और अब चीन पर सेना का नियंत्रण हो गया है। चीन में सख्त कोविड पालिसी लागू है, इसलिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग एससीओ बैठक में हिस्सा लेकर लौटे तो क्वारेंटाइन में चले गए, जिसे नजरबंदी के रूप में प्रचारित किया गया। अब जबकि वह सार्वजनिक जीवन में एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं, तो इन अटकलों पर विराम लग गया है।

उज्बेकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन से 16 सितंबर को लौटने के बाद जिनपिंग पहली बार सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आए हैं। 

शी ने मंगलवार को पिछले एक दशक में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और देश की महान उपलब्धियों पर एक प्रदर्शनी का दौरा किया। प्रदर्शनी के दौरे के दौरान जिनपिंग के साथ उनके पार्टी के दूसरे नंबर के नेता और प्रमुख ली केकियांग के साथ-साथ सीपीसी के अन्य शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। अपने भाषण में शी ने पिछले 10 वर्षों के दौरान सीपीसी और उनके नेतृत्व में चीन की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा हमें पिछले 10 वर्षों में रणनीतिक पहल, परिवर्तनकारी प्रथाओं, सफलताओं और ऐतिहासिक उपलब्धियों को व्यापक रूप से प्रचारित करना चाहिए, और पार्टी के इतिहास में पिछले दशक में, नए चीन के इतिहास में महान परिवर्तनों के मील के पत्थर के महत्व को प्रचारित करना चाहिए। 

चीनी मामलों से वाकिफ लोगों का मानना है कि एससीओ सम्मेलन के बाद जिनपिंग का सार्वजानिक रूप से नहीं दिखाई देना, चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के तहत 7 दिन का अनिवार्य क्वारंटाइन था। जिसमे 3 दिन का होम-स्टे भी शामिल है, जिसे दुनिया में हाउस अरेस्ट कह कर प्रचारित किया गया। शी जिनपिंग जीरो कोविड पॉलिसी के प्रबल समर्थक हैं। 

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) ने रविवार को घोषणा की थी कि पार्टी की पांच साल में एक बार आयोजित होने वाली महत्वपूर्ण कांग्रेस (अधिवेशन) के लिए करीब 2,296 प्रतिनिधियों का निर्वाचन कर लिया गया है। इस कांग्रेस में जिनपिंग को अभूतपूर्व तीसरे कार्यकाल के लिए समर्थन मिलने की उम्मीद है। कांग्रेसअधिवेशन को शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की कड़ी निगरानी में आयोजित किया जा रहा है, जिसे चीनी राष्ट्रपति के विरोध में एक राजनीतिक गुट का हिस्सा भी माना जाता है। इस अधिवेशन की महत्ता को देखते हुए और अपने विरोधियों को चुप कराने के लिए जिनपिंग ने अब तक कई प्रमुख अधिकारियों को मौत की सजा दिलवाई है। जिन अधिकारिओं को मौत की सजा हुई है, उनमें पूर्व सार्वजनिक सुरक्षा उप मंत्री सन लिजुन, पूर्व न्याय मंत्री फू झेंगहुआ और कोर्ट ने जियांगसू के पूर्व अधिकारी वांग लाइके को भ्रष्टाचार के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है, हालांकि ये सभी लोग राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कट्टर विरोधी भी माने जाते हैं। शी जिनपिंग ने 2012 में सत्ता में आते हीं भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी। जिसके तहत अब तक दर्जनों शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ दस लाख से अधिक अधिकारियों को दंडित किया गया है। 

 उल्लेखनीय है कि सीपीसी हर पांच साल में एक अधिवेशन का आयोजन करती है। इस साल का अधिवेशन इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह नेतृत्व परिवर्तन का वर्ष है। पार्टी, सेना और प्रेसीडेंसी के प्रमुख शी जिनपिंग अपना 10 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं। माना जा रहा है कि उन्हें राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल भी आसानी से मिल जाएगा। जब वह एससीओ सम्मेलन से वापस आए तो सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दिए जिससे अनुमान लगाया जाने लगा कि उनको नजरबन्द कर लिया गया है और चीन में तख्तापलट हो गया है। अब सार्वजनिक जीवन में फिर सक्रिय होकर जिनपिंग ने सारी अफवाहों पर विराम लगा दिया है।





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