वाशिंगटन: भारत के परमाणु हथियारों की संख्या और पारंपरिक ताकत को देखकर पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को बढ़ा सकता है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के भारत के साथ तनावपूर्ण संबंध उसकी रक्षा नीति को प्रभावित करते रहने वाले हैं। अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेंफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने कहा कि पाकिस्तान के एक नई परमाणु हथियार वितरण प्रणाली को विकसित करने की संभावना है। स्कॉट बेरियर कांग्रेस की बहस के दौरान सांसद की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों के समक्ष बोल रहे थे। लेंफ्टिनेंट जनरल बेरियर ने कहा कि इमरान को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के पद से हटाया जाना राजनीतिक अस्थिरता के दौर को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह है कि अगस्त 2023 से पहले पाकिस्तान में चुनाव होने की संभावना नहीं है। खान को अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा सत्ता से बाहर कर दिया गया था। जनरल स्कॉट ने कहा कि फरवरी 2019 में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद से भारत के साथ पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।
लेंफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि भारत के अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। उन्होंने कहा कि फरवरी 2021 में दोनों देशों के संघर्ष विराम समझौते को लेकर प्रतिबद्धता व्यक्त करने के बाद से सीमा-पार से हिंसा में कमी आई है। बेरियर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने हालांकि तब से अभी तक दीर्घकालिक राजनयिक समाधान हासिल करने के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठाए हैं। परमाणु हथियार की बात करें, तब साल 2021 में रूस के पास 6255, अमेरिका के पास 5580, चीन के पास 350, पाकिस्तान के पास 165 और भारत के पास 156 परमाणु हथियार है, इसके बाद भारत से कहीं आगे है पाकिस्तान और चीन है।