हरिद्वार (दैनिक हाक): हरकी पैड़ी पर आईओसी के सीएसआर फंड से चल रहे कार्यों की सम्पन्नता के बाद हरकीपैड़ी की व्यवस्था में काफी सुधार व परिवर्तन दिखाई देगा। हरकी पैड़ी परिसर जूता स्टाल बाहर कर दिये जाने के बाद अब कोई भी श्रद्धालु हरकी पैड़ी परिक्षेत्र में जूता लेकर नहीं जा सकेगा। सिर्फ इतना ही नहीं, हरकीपैड़ी के मुख्य प्रवेश द्वार पर अब जल क्यारी बनाई जा रही है, जिससे होकर गुजरने पर श्रद्धालुओं के पांव भी स्वतरू धुल जाएंगे।
हरकी पैड़ी पर इस समय करोड़ों रुपये की लागत से कार्य चल रहे हैं। इसी के तहत प्रवेश द्वार पर करीब पांच फीट चैड़ी जल क्यारी बनाई जा रही है। इससे गुजरने पर यात्री पैर धुलने के बाद ही हरकीपैड़ी में प्रवेश कर सकेगा। हरकी पैड़ी की प्रबंधकारिणी गंगासभा के वरिष्ठ सदस्य एवं पदाधिकारी यतीन्द्र सिखौला ने बताया कि जूता स्टाल से पैदल आने पर यात्रियों के पैरों के साथ धूल, मिट्टी, कीचड़ भी हरकी पैड़ी प्लेटफार्म तक पहुंचेगा। इसकी रोकथाम के लिए प्रवेशद्वार पर जल क्यारी बनाई गई है। जिससे गुजरने पर श्रद्धालुओं के पैर अपनेआप धुल जाएंगे।इससे श्रद्धालुओं को भी पवित्रता का अहसास होगा साथ ही वह गंगा प्रदूषण के प्रति भी जागरूक होंगे। इस जल क्यारी में हमेेशा जल रहेगा, जिससे गुजरने पर श्रद्धालुओं के पैर स्वतः धुलते रहेंगे। जल की सफाई के लिए शोधन यंत्र भी लगाया जाएगा, जिससे जल साफ होने के बाद पुनः उपयोग में लाया जा सकेगा।